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Gupta dynasty history




गुप्त साम्राज्य

गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी शताब्दी में प्रयाग के निकट कौशाम्बी में हुआ।


गुप्त वंश का संस्थापक - श्रीगुप्त

श्रीगुप्त का उत्तराधिकारी हुआ - घटोत्कच

गुप्त वंश का का प्रथम महान सम्राट - चन्द्रगुप्त प्रथम था । इसने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी।

चन्द्रगुप्त प्रथम का विवाह - लिच्छवि राजकुमारी कुमार देवी से हुआ।

गुप्त शंवत् की शुरूआत चन्द्रगुप्त प्रथम ने की

चन्द्रगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी हुआ - समुद्रगुप्त

भारत का नेपोलियन कहा जाता है- समुद्रगुप्त को

समुद्रगुप्त का दरभारी कवि था - हरिषेण

इलाहाबाद प्रशस्ति लेख लिखा था - हरिष्ेण ने

समुद्रगुप्त उपाशक था - विष्णु का

गुप्तकाल में किसने अश्वमेधकर्ता की उपधि धारण की- समुद्रगुप्त

 समुद्रगुप्त संगीत प्रेमी था। उसके सिक्कों पर उसे वीणा-वंदन करते हुए दिखाया गया है।

समुद्रगुप्त को कविराज भी कहा जाता है।

समुद्रगुप्त का उत्तराधिकारी था-चन्द्रगुप्त द्वितीय

चन्द्रगुप्त द्वितीय का दूसरा नाम है- चन्द्रगुप्त विक्रामादि

चन्द्रगुप्त विक्रामादित्य के काल में बौद्ध यात्री फाहियान भारत आया।

चन्द्रगुप्त द्वितीय ने चांदी के सिक्के चलाए- शकों पर विजय करके

चन्द्रगुप्त द्वितीय का उत्तराधिकारी - कुमारगुप्त

नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना की- कुमारगुप्त ने

कुमारगुप्त का उत्तराधिकारी हुआ- स्कन्दगुप्त

स्कन्दगुप्त ने गिरनार पर्वत पर स्थित सुदर्शन झील का पुनरूद्धार किया।

स्कन्दगुप्त ने किसे सौराष्ट्र का गर्वनर नियुक्त किया- पर्णदत्त को

हूणों का आक्रमण हुआ- स्कन्धगुप्त के समय

अंतिम गुप्त शासक था- विष्णुगुप्त

गुप्तकाल में उज्जेन सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र था।

गुप्तकालीन स्वर्ण मुद्राओं के कहा जाता था -दीनार

पहली बार किसी के सती होने का प्रमाण भानुगुप्त के एरण अभिलेख से मिलता है।

गुप्त राजाओं की शासकीय भाषा थी- संस्कृत

गुप्तकाल में चांदी के सिक्कों को कहा जाता था - रूप्यका

मन्दिर बनाने की कला का उदय गुप्त काल में हुआ।

राजचिन्ह - गरूड़

अजंता की गुफाएं बौद्धधर्म की महायान शाखा से सम्बन्धित हैं।

चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में संस्कृत भाषा का सबसे प्रसिद्ध कवि कालिदास थे

चन्द्रगुप्त द्वितीय के दरबार में रहनेवाले आयुर्वेदाचार्य - धनवन्तरि

प्रथम भारतीय रचना जिसका अनुवाद यूरोपीय भाषा में हुआ है- अभिज्ञानशकुन्तलम्